Chhattisgarh

बस्तर हाई स्कूल के शिक्षक जोगेश दास को सेवानिवृत्त पर दी गई गरिमामयी विदाई सम्मान…

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जगदलपुर inn24 (रविंद्र दास)..शासकीय बहुउद्देशीय जगतु माहरा हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक जोगेश चंद्र दास को आज उनके सेवानिवृत्ति पर स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं ने विदाई सम्मान आयोजित किया, स्कूल के प्राचार्य राम कुमार एवं साथी शिक्षकों ने शाल श्रीफल देकर उन्हें सम्मानित किया, इस मौके पर प्राचार्य राम कुमार ने कहा कि जोगेश दास बहुत ही शांत शालीन और व्यवहार कुशल शिक्षक रहें हैं ..
इन्होंने अपनी शिक्षकीय कार्य एवं व्यावहारिकता से अपनी अमिट छाप छोड़ी है, हमें गर्व है ऐसे शिक्षक हमारे विद्यालय में अपनी सेवाएं दी है,, शिक्षक जोगेश चंद्र दास ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत भावुक पल है आप सभी साथी शिक्षकों का मुझे सदा भरपूर सहयोग और स्नेह मिलता रहा है,,
आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं ,,
उन्होंने कहा कि आज मैं भले ही सेवानिवृत हो रहा हूं लेकिन जिस दायित्व को मैंने अपने जीवन काल में निभाया है, उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं,, मैं भाग्यशाली रहा कि जिस स्कूल में मैंने शिक्षा ली जिन शिक्षकों ने मुझे पढ़ाया उनके साथ काम करने का भी अवसर प्राप्त हुआ साथ ही आज मैं उसी स्कूल से सेवानिवृत भी हो रहा हूं ,,अपने कथन के दौरान भावुक होकर कहा कि हालांकि मैं गणित का स्टूडेंट रहा तो मेरी इच्छा थी कि मैं भी इंजिनियर बनूं ,, ,,
लेकिन परन्तु उस समय की स्थिति देश काल और परिस्थिति मेरे अनुकूल नहीं रही,,
और मेरी शिक्षक के तौर पर नियुक्ति हुई लेकिन मुझे पूरी संतुष्टि है ,..
साथ ही उन्होंने कहा शिक्षक बना इसलिए आप जैसे साथियों का सहयोग और साथ मेरे जीवन में रहा ,,जो मेरे लिए सदा स्मरणीय रहेगा…
श्री दास ने कहा कि वे भले ही शासकीय तौर पर सेवानिवृत्त हो रहें हैं,, परंतु जहां कहीं , जब कहीं, भी मेरी सहयोग होगी मैं अवश्य करूंगा!
आज के इस विदाई सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में स्कूल के शिक्षक और शिक्षिकाएं सहकर्मी स्टाफ उपस्थित रहे..
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आपको बता दें शिक्षक जोगेश चंद्र दास के संबंध में उनके पुराने स्टूडेंट वर्तमान गोल बाजार में फल की दुकान चला रहे व्यापारी ने बताया कि वह बहुत निर्धन था, परीक्षा की फीस देने में भी असमर्थ रहा करता था तब सर उनकी फीस भरते थे ,और उन्हें ड्रेस सहित  कॉपी किताब उपलब्ध करवाते थे,आज जो कुछ भी वो है दास सर के बदौलत है..उसने बताया कि मेरे जैसे कई निर्धन बच्चे उनके पास आते थे,, जिनकी पूरी सहायता दास सर करते थे.. दास सर हमारे लिए हमेशा श्रद्धेय और पूजनीय रहेंगे..

 

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